मज़ा तो तब हो
मज़ा तो तब हो....
जब बात तुमसे हो नहीं तो तन्हाई-ए-सुनापन सज़ा हो।।
जब खामोशी और लफ़्ज़ दोनों नशे की...
जब बात तुमसे हो नहीं तो तन्हाई-ए-सुनापन सज़ा हो।।
जब खामोशी और लफ़्ज़ दोनों नशे की...