...

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अल्फाज-ए खाक..🙏P
वफा के बदले बेवफाई ना दिया कर
मेरी उमीद ठुकरा कर इन्कार ना किया कर
तेरी मौहब्बत में हम सब कुछ गवां बैठे
जान चली जायेगी इम्तिहान ना लिया कर
तेरे दिल की महफिल सजाने आए थे
तेरी कसम तुझे अपना बनाने आए थे
ये तो बता किस बात की सजा दी तूने ओ बेवफा
हम तो तेरे दर्द को अपना दर्द बनाने आए थे
जाना ही था तो बता कर जाती
यूं बेवफ़ा का इल्जाम खुद पर ना लगवाती
हमने सोचा था कि हम ही तड़प रहे है
तुम्हारी यादों में ! पर आंखे बता रही है
नींद रात भर आपको भी नहीं आती
दिलो की धडकनों में साज होता है
सभी को...