8 views
सिर्फ तुम-II
एक ख़त लिखना,चाहता हूं तुम्हें,
बेवक़्त लिखना चाहता हूं, तुम्हें,
कर ना सकूँ बयां मेरे अरमान,
मेरा प्रेम लिखना चाहता हूं, तुम्हें |
एक ख़त लिखना चाहता हूं तुम्हें,
कई रोज लिखना, चाहता हूं तुम्हें,
परियों की कहानी सी,
हशीन तू और तेरी बातें,
हर ख्याल लिखना चाहता हूं तुम्हें ||
एक ख़त लिखना चाहता हूं तुम्हें,
बेसुमार लिखना चाहता हूं तुम्हें,
एहमियत से भरी, तू मुझमे हरपल,
तेरी याद लिखना चाहता हूं में |||
एक ख़त लिखना चाहता हूं तुम्हें,
बेशक लिखना चाहता हूं तुम्हें,
मेरे हाथों की लकीरों से,
गुज़र रही है तु,
ये ऐहसास लिखना चाहता हूं तुम्हें ||||
एक ख़त लिखना चाहता हूं तुम्हें,
एक सुकून लिखना चाहता हूं तुम्हें,
मेरा खालीपन अब ना रहा,
मे तेरे दर पर आ रहा,
बस तुझे लिखना चाहता हूं, तुम्हें |||||
एक ख़त लिखना चाहता हूं, तुम्हें......
© Sarang Kapoor
बेवक़्त लिखना चाहता हूं, तुम्हें,
कर ना सकूँ बयां मेरे अरमान,
मेरा प्रेम लिखना चाहता हूं, तुम्हें |
एक ख़त लिखना चाहता हूं तुम्हें,
कई रोज लिखना, चाहता हूं तुम्हें,
परियों की कहानी सी,
हशीन तू और तेरी बातें,
हर ख्याल लिखना चाहता हूं तुम्हें ||
एक ख़त लिखना चाहता हूं तुम्हें,
बेसुमार लिखना चाहता हूं तुम्हें,
एहमियत से भरी, तू मुझमे हरपल,
तेरी याद लिखना चाहता हूं में |||
एक ख़त लिखना चाहता हूं तुम्हें,
बेशक लिखना चाहता हूं तुम्हें,
मेरे हाथों की लकीरों से,
गुज़र रही है तु,
ये ऐहसास लिखना चाहता हूं तुम्हें ||||
एक ख़त लिखना चाहता हूं तुम्हें,
एक सुकून लिखना चाहता हूं तुम्हें,
मेरा खालीपन अब ना रहा,
मे तेरे दर पर आ रहा,
बस तुझे लिखना चाहता हूं, तुम्हें |||||
एक ख़त लिखना चाहता हूं, तुम्हें......
© Sarang Kapoor
Related Stories
24 Likes
2
Comments
24 Likes
2
Comments