dekhi hai
ऐसा तो हरगिज़ नहीं की ये रात देखी हैं
इस से पहले ये हिज्र की रात नहीं देखी हैं
अब ये बिलाप उम्र भर के लिए हैं
तुझको रुखसत होते हुए जो देखी हैं
कौन ले सुध बिछड़े यार का...
इस से पहले ये हिज्र की रात नहीं देखी हैं
अब ये बिलाप उम्र भर के लिए हैं
तुझको रुखसत होते हुए जो देखी हैं
कौन ले सुध बिछड़े यार का...