एक कविता
सोचा कि आज एक कविता लिखूं ,
फिर सोचा कि एसा क्या लिखूं ?
जो सबके मन को भा जाए,
सब बार-बार पढ़ते रह जाए।।
उठी मन में नई तरंग सी,
ख्यालों की लग गई एक होड़ सी।
पहले तो एक शीर्षक चुना,
पर...
फिर सोचा कि एसा क्या लिखूं ?
जो सबके मन को भा जाए,
सब बार-बार पढ़ते रह जाए।।
उठी मन में नई तरंग सी,
ख्यालों की लग गई एक होड़ सी।
पहले तो एक शीर्षक चुना,
पर...