क्या तुम भी
क्या तुम भी मेरे दिल को
तोड़ने आए हो
कब से बिखेरे बैठी हूं मैं
अपनी इस जिंदगी को
क्या तुम भी
मुझे दर्द देने आए हो!!
एक उम्र गुजार दी मैंने
तन्हा रहते...
तोड़ने आए हो
कब से बिखेरे बैठी हूं मैं
अपनी इस जिंदगी को
क्या तुम भी
मुझे दर्द देने आए हो!!
एक उम्र गुजार दी मैंने
तन्हा रहते...