ना जाने क्यों
ना जाने क्यों हर जगह उसका ही खयाल आता है,
चाहे रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला,
चांद का नूर हो या तारो की चमक,
बारिश की...
चाहे रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला,
चांद का नूर हो या तारो की चमक,
बारिश की...