गतिमान
मैं गतिमान रहा
नदी की तरह
मिठास को बनाए रखने
एक तुम हो
पड़े हो वहीं एक जगह
जहां
मिठास बदल गई
कड़वाहट में
सड़ गए हैं, तुम्हारे
रीति रिवाज
परंपराएं
@श्रीलाल जे एच आलोरिया
© All Rights Reserved
नदी की तरह
मिठास को बनाए रखने
एक तुम हो
पड़े हो वहीं एक जगह
जहां
मिठास बदल गई
कड़वाहट में
सड़ गए हैं, तुम्हारे
रीति रिवाज
परंपराएं
@श्रीलाल जे एच आलोरिया
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