...

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गतिमान
मैं गतिमान रहा
नदी की तरह
मिठास को बनाए रखने

एक तुम हो
पड़े हो वहीं एक जगह
जहां
मिठास बदल गई
कड़वाहट में

सड़ गए हैं, तुम्हारे
रीति रिवाज
परंपराएं

@श्रीलाल जे एच आलोरिया
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