दिल की बाते(1)
तुम मेरी चाहत कम
जरूरत ज्यादा हो,
जैसे साँसों में
हवा की मुराद हो।
चाहत तो वक़्त के साथ
बदल भी सकती है,
पर जरूरत वही
जो हर पल साथ होती है।
तुम वो हो, जो दिल में
सुकून बनकर रहते हो,
हर ख़ुशी के पीछे
छिपी वो हसीन चाह हो।
तुमसे मेरा रिश्ता,
बस दिल से नहीं है,
तुम मेरी रूह की हर
धड़कन में बसे हो।
जब चाहत होती है
तो फ़ासले मायने रखते हैं,
पर जरूरत में, हर दूरी
मिट सी जाती है।
तुम मेरे हर लम्हे की,
हर ख़ुशी की वजह हो,
तुम मेरी चाहत कम,
जरूरत ज्यादा हो।
कभी शब्दों में बयां
कर नहीं पाई ये एहसास,
पर तुम बिन अधूरा सा
लगता है हर प्रयास।
तुमसे ये राब्ता, दिल से
कहीं आगे बढ़ गया,
तुम मेरी चाहत कम,
जरूरत ज्यादा ...!!!!
Nishu __
जरूरत ज्यादा हो,
जैसे साँसों में
हवा की मुराद हो।
चाहत तो वक़्त के साथ
बदल भी सकती है,
पर जरूरत वही
जो हर पल साथ होती है।
तुम वो हो, जो दिल में
सुकून बनकर रहते हो,
हर ख़ुशी के पीछे
छिपी वो हसीन चाह हो।
तुमसे मेरा रिश्ता,
बस दिल से नहीं है,
तुम मेरी रूह की हर
धड़कन में बसे हो।
जब चाहत होती है
तो फ़ासले मायने रखते हैं,
पर जरूरत में, हर दूरी
मिट सी जाती है।
तुम मेरे हर लम्हे की,
हर ख़ुशी की वजह हो,
तुम मेरी चाहत कम,
जरूरत ज्यादा हो।
कभी शब्दों में बयां
कर नहीं पाई ये एहसास,
पर तुम बिन अधूरा सा
लगता है हर प्रयास।
तुमसे ये राब्ता, दिल से
कहीं आगे बढ़ गया,
तुम मेरी चाहत कम,
जरूरत ज्यादा ...!!!!
Nishu __