ये फ़ासला...
टूटे ख़्वाबों के घरौंदे में कहीं
मैं ढूंढ़ती हूँ आज भी
तेरे होने के नक्श...
रातरानी के फूलों ने...
मैं ढूंढ़ती हूँ आज भी
तेरे होने के नक्श...
रातरानी के फूलों ने...