...

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अब आ जाओ ना.....❤️
मैं कब से राह निहार रही ❤️
सखा मेरे कब आओगे❤️
उलझी हुई राहों को मेरी❤️
आकर कब सुलझाओगे❤️
है भव सागर में फंसी नैयाँ ❤️
कब आकर पार लगाओगे❤️
मैं कब से मिलने को तरस रही❤️
हे सखा कृष्ण कब आओगे❤️

तुम तो जान रहे दशा मेरी❤️
है तुमसे अब कुछ छुपा नही❤️
है समझ नहीं आता मुझको❤️
किस ओर कदम बढ़ाऊं मैं ❤️
जो तुम ही ना सुनोगे तो फिर❤️...