...

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जीवन-मरण
उत्तर में घनघोर अँधेरा, पूरब में भी घेरा है, प्रभा-किरणों को काले बादलों ने घेरा है||

जीवन एक माया है बंधू,
क्या तेरा क्या मेरा है,
पंचतत्व से बने हैं बंधू,
पंचतत्व में जाना है||

जीवन का आधार यही है और यही बहाना है||
अलग-अलग किरदारों को रोज यहाँ निभाना है||

जिसने भी सोचा यहाँ
कोषों में खो जाना है,
जी ना सका खुल के जीवन
यही मेरा तराना है,
मिट्टी से आये है बंधू,
मिट्टी में मिल जाना है||

जीवन का आधार यही है और यही बहाना है||
अलग-अलग किरदारों को रोज यहाँ निभाना है||

जी ना सके किरदार सही से,
फिर क्या यहाँ बताना है,
रहमत के बंदे है बंधू,
रहमत पे ही जाना है||

जीवन का आधार यही है और यही बहाना है||
अलग-अलग किरदारों को रोज यहाँ निभाना है||

हरि से "हम" हैं बंधू, हरि में मिल जाना है||
अलग-अलग किरदारों को रोज यहाँ निभाना है||
© Pakhi Vaibhav
#life #deathtone