जीवन-मरण
उत्तर में घनघोर अँधेरा, पूरब में भी घेरा है, प्रभा-किरणों को काले बादलों ने घेरा है||
जीवन एक माया है बंधू,
क्या तेरा क्या मेरा है,
पंचतत्व से बने हैं बंधू,
पंचतत्व में जाना है||
जीवन का आधार यही है और यही बहाना है||
अलग-अलग किरदारों को रोज यहाँ निभाना है||
जिसने भी सोचा यहाँ
कोषों में खो...
जीवन एक माया है बंधू,
क्या तेरा क्या मेरा है,
पंचतत्व से बने हैं बंधू,
पंचतत्व में जाना है||
जीवन का आधार यही है और यही बहाना है||
अलग-अलग किरदारों को रोज यहाँ निभाना है||
जिसने भी सोचा यहाँ
कोषों में खो...