एक बार बता के तो देखा होता l
उस दर्पण पर छपा चेहरा
उतरने लगा था |
ध्यान नही दिया किसी ने
उसके दर्द का अंदाजा किसी को ना था l
कितना रंज था उसमे
ये तो सिर्फ़ वो ही जान सकता था l...
उतरने लगा था |
ध्यान नही दिया किसी ने
उसके दर्द का अंदाजा किसी को ना था l
कितना रंज था उसमे
ये तो सिर्फ़ वो ही जान सकता था l...