चिराग
ज़ब तक़ जगत के उन चिरागो से .. सम्प्रदायिकता
का ज़हरीला धुँवा उठता रहेगा
तब तक़ इस जगत के उन चिरागो में सौहार्द प्रेम और भाईचारे का उजाला लौट नहीं पायेगा
का ज़हरीला धुँवा उठता रहेगा
तब तक़ इस जगत के उन चिरागो में सौहार्द प्रेम और भाईचारे का उजाला लौट नहीं पायेगा
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