#किरदार
काश मैं इनके जैसा बन जाता!
या फिर उसके जैसी बन जाती!
क्यों बनना है तुम्हें किसी के जैसा?
तुम तुम हो,
कौन है, तुम जैसा कहो,
तुम असल हो नकल नहीं।
तुम तो खुद ही खास हो।
क्यों चाहते हो अपनी शख्सियत में मिलावटीपन।
तुम्हें सृष्टिकर्ता ने अलग बनाया है,
कुछ खास करने के लिए बनाया है,
कि तुम आँधी में दीप जला सको,
तुम भीड़ नहीं बल्कि भीड़ का नेतृत्व कर सको।
तुम चाहो तो तूफानों में भी
कश्ती का रुख मोड़ सको।
दुनिया एक रंगमंच है,
लोग आएँगे जाएँगे ,
लेकिन तुम्हारा किरदार नहीं निभा पाएँगे।
🌹© ranjeet prayas
या फिर उसके जैसी बन जाती!
क्यों बनना है तुम्हें किसी के जैसा?
तुम तुम हो,
कौन है, तुम जैसा कहो,
तुम असल हो नकल नहीं।
तुम तो खुद ही खास हो।
क्यों चाहते हो अपनी शख्सियत में मिलावटीपन।
तुम्हें सृष्टिकर्ता ने अलग बनाया है,
कुछ खास करने के लिए बनाया है,
कि तुम आँधी में दीप जला सको,
तुम भीड़ नहीं बल्कि भीड़ का नेतृत्व कर सको।
तुम चाहो तो तूफानों में भी
कश्ती का रुख मोड़ सको।
दुनिया एक रंगमंच है,
लोग आएँगे जाएँगे ,
लेकिन तुम्हारा किरदार नहीं निभा पाएँगे।
🌹© ranjeet prayas