मैं सागर सा लहराऊँ,
तुम शांत बदरिया सी मैं सागर सा लहराऊँ,
तेरी झील सी आंखों की थाह कभी ना पाऊँ,
शब्द हैं तेरे गहरे गहराई नापते ही थक जाऊँ,
धवल चांदनी रातों में मैं तो अम्बर में खो जाऊँ,
तुम...
तेरी झील सी आंखों की थाह कभी ना पाऊँ,
शब्द हैं तेरे गहरे गहराई नापते ही थक जाऊँ,
धवल चांदनी रातों में मैं तो अम्बर में खो जाऊँ,
तुम...