तुम्हें बदलते देखा हैं
हाँ, तुम्हें बदलते देखा हैं।
आँखों से नहीं, मगर महसूस कर के,
हाँ, तुम्हें बदलते देखा हैं।
जो प्यार से हाथ थामा था मेरा,
उसे छोड़ते देखा हैं।
हाँ, तुम्हें बदलते देखा हैं।
जिन होठों के स्पर्श से खुश होते थे,
आज उन्हीं होठों से सुनी हैं मैंने नफ़रत।
हाँ, तुम्हें बदलते देखा हैं।
जो घाव भरने की प्रयास तुमने करी,
उन्हीं घाव को कुरेदते देखा हैं।
हाँ, तुम्हें बदलते देखा हैं।
जिस चेहरे को देख मुस्कान आती थी,
उसी चेहरे को देख ख़ामोशी छाते...
आँखों से नहीं, मगर महसूस कर के,
हाँ, तुम्हें बदलते देखा हैं।
जो प्यार से हाथ थामा था मेरा,
उसे छोड़ते देखा हैं।
हाँ, तुम्हें बदलते देखा हैं।
जिन होठों के स्पर्श से खुश होते थे,
आज उन्हीं होठों से सुनी हैं मैंने नफ़रत।
हाँ, तुम्हें बदलते देखा हैं।
जो घाव भरने की प्रयास तुमने करी,
उन्हीं घाव को कुरेदते देखा हैं।
हाँ, तुम्हें बदलते देखा हैं।
जिस चेहरे को देख मुस्कान आती थी,
उसी चेहरे को देख ख़ामोशी छाते...