साजन की सजनी
सजती संवरती आज दुल्हन सी,
निर्जला उपवास भी है रखती।।
करवा चौथ का व्रत है करती,
चांद को देखकर व्रत खोलेगी ।।
सुखी जीवन की कामना करेंगी,
रिश्तों में प्रेम मिठास घोलेगी ।।
अपने पिया की बाट जोहती,
गुमसुम बैठी पल-पल सोचती...
निर्जला उपवास भी है रखती।।
करवा चौथ का व्रत है करती,
चांद को देखकर व्रत खोलेगी ।।
सुखी जीवन की कामना करेंगी,
रिश्तों में प्रेम मिठास घोलेगी ।।
अपने पिया की बाट जोहती,
गुमसुम बैठी पल-पल सोचती...