...

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पिता के प्यार का आसर बहुत है..
"मंजिल दूर हैं, सफर बहुत है,
छोटी सी जिंदगी की, फिक्र बहुत है,
मार डालती ये, दुनिया कब की हमे,
लेकीन पिता के प्यार काआसार
बहुत है.....!!!!
@योगिता चव्हाण@
© lovestory poetry