...

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काश मैं कुछ लिख पाता।
काश मैं कुछ लिख पाता।
अपनी जिंदगी के वोह अनसुने किस्से, वोह अनसुनी कहानियां, वोह शरारते, वोह गुस्ताखियां
लोगों को बता पाता।
काश मैं कुछ लिख पाता।

थोड़ी छोटी सी रह गई जिंदगी मेरी,
मंजिल अभी दूर थी और सपने भी थे अधूरे,
काश उन सपनों को मैं तुम्हारे लिए पूरा कर पाता,
काश मैं कुछ लिख पाता।

बहुत प्यार दिया था तुमने मुझे,
बहुत साथ भी निभाया था तुमने मेरा,
पर काश मैं भी कुछ दूर तक ही सही साथ तुम्हारा निभा पाता,
काश मैं कुछ लिख पाता।

कभी मुडके देखा था तुमने मुझे,
कभी दिल से चाहा था तुमने मुझे,
काश मैं भी तुम्हारे सवालों के जवाब उसी शिद्दत से दे पाता,
काश मैं कुछ लिख पाता।

फिर मिलूंगा अगले जन्म में तुमसे मैं,
ये जन्म अब रहा नहीं जाता,
काश मैं तुम्हे भूल पाता,
काश मैं कुछ लिख पाता।
© simplicity wins!