मत हार तू हिम्मत।।।
कुछ तुम्हारे कुछ हमारे
नयनों से गिरते अश्रु के धारे
वेदना के स्वर दबे हैं
चीख भीतर से पुकारे
काल के कपाल पर
जो लिख रहा है कहानी
हो रहा वो सब जो रब ने
हमारे तुम्हारे लिए है ठानी...
नयनों से गिरते अश्रु के धारे
वेदना के स्वर दबे हैं
चीख भीतर से पुकारे
काल के कपाल पर
जो लिख रहा है कहानी
हो रहा वो सब जो रब ने
हमारे तुम्हारे लिए है ठानी...