...

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जिंदगी का दस्तूर......
मिलना और बिछड़ना.. जिंदगी का दस्तूर हो गया
करीब आके बहुत दिल के.. फिर वो दूर हो गई
वो क्या जानें जिन्होंने खोया नहीं.. किसी को ज़माने में .....


वो लड़का (मैं) अपने जीवन में .......................



जो जितना हंसा उतना.. रोने को मजबूर हो गया!!
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