जाने दे।
मुझे कतरा कतरा कर बरस जाने दे,
इस समंदर के सेहलाब में बैह जाने दे,
बोहोत होगई दोस्ती और मोहब्बत,
अब धीरे धीरे कर मुझे ख़िज़ाँ को गले लगाने दे।
© Poshiv
इस समंदर के सेहलाब में बैह जाने दे,
बोहोत होगई दोस्ती और मोहब्बत,
अब धीरे धीरे कर मुझे ख़िज़ाँ को गले लगाने दे।
© Poshiv
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