...

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प्रकृति से प्रेम
आज पड़ी है धुंध की चादर
देख कर मन हो गया है सागर
चिड़िया भी कर रही है शोर
बादल छाए हैं चारों ओर
ओस की बूंद निराली है
चारों तरफ हरियाली है
नदियां भी बह रही है ऐसे
सागर में मोती हो जैसे
कहना मुझको एक ही बात
करो प्रकृति पर तुम विश्वास
जीवन सरल बन जाएगा
पल पल तू मुस्काएगा🥰🥰🥰
shivani suryavanshi (khushi)

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