प्रकृति से प्रेम
आज पड़ी है धुंध की चादर
देख कर मन हो गया है सागर
चिड़िया भी कर रही है शोर
बादल छाए हैं चारों ओर
ओस की बूंद निराली...
देख कर मन हो गया है सागर
चिड़िया भी कर रही है शोर
बादल छाए हैं चारों ओर
ओस की बूंद निराली...