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चिड़ियाँ
काश मैं चिड़ियों की भाती उड़ पाती,
काश मैं आसमान के सुनहरे सपने बुन पाती,
न जमींन की चिंता होती और
न मकान की जरूरत
न भेद होता न भाव
मैं खुले पंखो से दुनिया की सफ़र कर पाती,
काश मैं चिड़ियों की भाती उड़ पाती।
काश मैं चिड़ियों की भाती उड़ पाती। ।
काश मैं आसमान के सुनहरे सपने बुन पाती,
न जमींन की चिंता होती और
न मकान की जरूरत
न भेद होता न भाव
मैं खुले पंखो से दुनिया की सफ़र कर पाती,
काश मैं चिड़ियों की भाती उड़ पाती।
काश मैं चिड़ियों की भाती उड़ पाती। ।
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