तेरी आदत...❣️
शामिल है तू मुझमें ऐसे जैसे,
इन आती-जाती साँसों में रब बसा हो।
कि तेरी आदत सी है कुछ यूँ,
जैसे फ़ज़ाओं से इत्र जुदा नहीं होता।।
इन हर्फ़ों की भी औकात कहाँ,
कि तेरे मेरे एहसासों...
इन आती-जाती साँसों में रब बसा हो।
कि तेरी आदत सी है कुछ यूँ,
जैसे फ़ज़ाओं से इत्र जुदा नहीं होता।।
इन हर्फ़ों की भी औकात कहाँ,
कि तेरे मेरे एहसासों...