...

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heartbreaking poem
रूठना तो हमे भी आता हैं
लेकिन मनाने कहा कोई आता हैं

घुटते रहे दर्द को पीते रहे खुद ही
फिर भी खुशियाँ सबमे बार-बार बांटता हैं
अकेले में खुद ही आशु बहाता हैं

रूठने का फायदा ही क्या
जो दिल की कही वो नहीं कोई सुन पाता हैं

रूठे धरती का प्यास बुझा बादल उसे मनाता है.
तितली और भवरो को मनाने फूल हर रोज खिल खिलाते हैं
नदियों की जिद...