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प्यार की ये कैसी परिभाषा
ये बिखरा हुआ काजल ये टूटी चूड़ियां
ये सलवटें सुना रही है इश्क़ की दास्तान
पर चूड़ियों की खनक में गुम सिसकियां
कराहों को सुन के भी सुन न पाया ये जहान

बिखरे हुए काजल के साथ बिखर गए हर ख़्वाब
चूड़ियों की चुभन की तरह चुभते रहे हर अरमान
बंद कमरे में मौन कई सवालों का न मिला जवाब
बिस्तर और दिल के रक्तिम दाग से रहे सब अनजान

कसमों और रस्मों के उस बंधन ने छीनें निज अधिकार
जब रक्षक ही बन गया भक्षक किससे मांगे वो हिसाब
प्यार की ये कैसी है परिभाषा - वैवाहिक बलात्कार
सब कुछ होते हुए भी टूटे शजर सी जिंदगी है बेआब

© agypsysoul

Beaab - without dignity/without charm

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