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एक दीप पर्याप्त है मेरे अंधेरे जिया के लिए
#day-5....
हे मानव समाज तुम से विनती है बार बार,
करो ना किसी निर्दोष प्राणी पर ऐसा अत्याचार,
क्या पता महामारी बन ईश्वर ही कर रहे हो नरसंहार,
कैसे तुम इतने पापी हो गए,
सांप - बिच्छु भी ना चट कर जाते हो,
कैसे पल भर में ही मांस खा जाते हो,
उस वक्त तुमको उन पर की दया नहीं है आती।
आज लाश देखी अपनों की तो क्यों आंखे है भर आती
© 💖🙏✍️@charu🙏💖
हे मानव समाज तुम से विनती है बार बार,
करो ना किसी निर्दोष प्राणी पर ऐसा अत्याचार,
क्या पता महामारी बन ईश्वर ही कर रहे हो नरसंहार,
कैसे तुम इतने पापी हो गए,
सांप - बिच्छु भी ना चट कर जाते हो,
कैसे पल भर में ही मांस खा जाते हो,
उस वक्त तुमको उन पर की दया नहीं है आती।
आज लाश देखी अपनों की तो क्यों आंखे है भर आती
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