एक दीप पर्याप्त है मेरे अंधेरे जिया के लिए
#day-5....
हे मानव समाज तुम से विनती है बार बार,
करो ना किसी निर्दोष प्राणी पर ऐसा अत्याचार,
क्या पता महामारी बन ईश्वर ही कर रहे हो...
हे मानव समाज तुम से विनती है बार बार,
करो ना किसी निर्दोष प्राणी पर ऐसा अत्याचार,
क्या पता महामारी बन ईश्वर ही कर रहे हो...