...

3 views

चिड़िया अब तुम क्यों नहीं आती?
चिड़िया अब तुम क्यों नहीं आती?
चि चि की मीठी ध्वनि से,
अब हमारे चौबारे को क्यों नहीं सजाती?
कहाँ छुपी बैठी हो विलुप्त सी हो गई हो तुम,
क्या मनुष्यों की क्रूरता देख किसी और दुनिया की हो गई हो तुम?
हम मनुष्यों के विकास ने कहर प्रकृति पर ढाया है,
कोरोना, जंगल की आग, बाढ़, भूकंप हमने फ़लस्वरूप पाया है।
क्या हमसे नाराज़ होकर तुम हमारा संसार छोड़ गई हो?
नन्ही सी तुम प्यारी सी तुम,
जब-जब मेरे आँगन आती थी,
तुम्हें देख मैं नन्ही बच्ची, खिलखिलाकर मुस्कुराती थी।

याद है मुझे गर्मी की छुट्टियों में मैं प्लेट तुम्हारी सजाती थी,
भर लोटा पानी का रखती,
चिड़िया आओ कह कर तुम्हें बुलाती थी।
क्या तुम रुष्ट होकर अब मुझे भूल गई हो?
चिड़िया अब तुम क्यों नहीं आती?
घर आँगन मेरा क्यों नहीं सजाती?
क्या तुम खुद के लिए बेहतर मनुष्य ढूंढ रही हो?
ऐसा कोई वातावरण जो तुम्हें सहेज सके,
इस खोज में हमसे दूर हुई हो?
प्यारी चिड़िया प्यारी चिड़िया लौट कर तुम आ जाओ ना,
एक मौका दोबारा दे दो,
हम मनुष्यों को यूं तड़पाओ ना।
दे दान उस प्यारी चि चि का हमारे कानों को,
उस प्राकृतिक रस को हमें तरसाओ ना,
नन्ही चिरैया अब तो वापस आ जाओ ना।
Ek lekhak ko sachet rehna bhi bohot zaruri hota hai
kal ya parso ma bol rahi thi k ab chidiya nahi aati
achanak meri yaadein jo meine chidiya sang bitayi thi kabhi wo taaza ho uthi
#chidiyaan #nature #hindipoem
© Haniya kaur