लड़के और लड़कियों के लिए शादी के अलग अलग मायने
लड़को के लिए शादी , शादी होती हैं
एक लड़की आती हैं , जो उनकी लाइफ
से जुड़ जाती हैं उनके घर की सारी
जिम्मेदारियां उठा लेती हैं.......
लेकिन लड़कियों के लिए शादी ना
दसवीं क्लास का बोर्ड एग्जाम होती हैं ..
जिसके लिए उसे बचपन से तैयार किया
जाता है , "अरे इतना मत खाओ"
मोटी हो गई तो तुमसे शादी कोन करेगा
नजरे उठा कर मत चलो , थोड़ी तो
लाज शर्म रखो ....…...
"कितनी जुबान लड़ाती हो अपनी सास
से भी ऐसे ही बतमीजी करोगी ....
खुद का बेटा चाहे काला पीला क्यों?
ना हो लेकिन बहु सब को चाहिए
चांद जैसी...
एक लड़की आती हैं , जो उनकी लाइफ
से जुड़ जाती हैं उनके घर की सारी
जिम्मेदारियां उठा लेती हैं.......
लेकिन लड़कियों के लिए शादी ना
दसवीं क्लास का बोर्ड एग्जाम होती हैं ..
जिसके लिए उसे बचपन से तैयार किया
जाता है , "अरे इतना मत खाओ"
मोटी हो गई तो तुमसे शादी कोन करेगा
नजरे उठा कर मत चलो , थोड़ी तो
लाज शर्म रखो ....…...
"कितनी जुबान लड़ाती हो अपनी सास
से भी ऐसे ही बतमीजी करोगी ....
खुद का बेटा चाहे काला पीला क्यों?
ना हो लेकिन बहु सब को चाहिए
चांद जैसी...