...

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इस दफा, जब बारिश का मौसम आयेगा
सोच रहा हूं इस बार जब
बारिशों का मौसम आयेगा,
ख्यालों के शहर में मौजूद
तेरी यादों के खेतों में तुम्हारा
इक खूबसूरत चेहरा बोना है मुझे ।
और आखिरी फसल में चाहिए
मुझे एक दर्जन कानों के जोड़े,
जिन्हें सामने रखकर
हर महीने मैं दिल खोल कर
तुमसे दिल की बातें कर सकूं ।
और चाहिए बावन किस्मों के बाल,
जिनकी छांव में हर रविवार
दिन भर मैं बेफिक्र लेटा रहूं ।
तीन सौ पैंसठ आंखों के जोड़े
जिनमें डूबकर मैं हर रोज़
तेरी मौजूदगी महसूस कर सकूं ।
और आखिर में चाहिए एक माथा
जिसे पूजा करने के बाद
आंख बंद करके मैं रोज़ चूम सकूं,
फिर उसमें छोटी सी लाल गोल बिंदी
लगाकर कहूं तुमसे -
तुम सिर्फ मेरी हो, सिर्फ मेरी ।

🤡❣️🤡


© Dr. Joker