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वो रिश्ता..
वो अनकहा सा एक रिश्ता
कुछ तो बात खास थी ..
ना प्यार है बार-२ कहना
खामोशी में भी आवाज थी ..
ना घंटों एक-दूसरे को देखना
एक झलक भी पर्याप्त थी..
ना बार-२ कुछ समझाना
आंखें ही सब कह जाती थी..
ना रोज़ एक-दूसरे से मिलना
एक मुलाकात ही सुकून थी..
ना कोई नज़रानों का फ़साना
साथ रहना बड़ी निशानी थी..
ना लिखा शायद एक होना
आस अभी भी एक बाकी थी..
#writcopoem
#heartbreak
कुछ तो बात खास थी ..
ना प्यार है बार-२ कहना
खामोशी में भी आवाज थी ..
ना घंटों एक-दूसरे को देखना
एक झलक भी पर्याप्त थी..
ना बार-२ कुछ समझाना
आंखें ही सब कह जाती थी..
ना रोज़ एक-दूसरे से मिलना
एक मुलाकात ही सुकून थी..
ना कोई नज़रानों का फ़साना
साथ रहना बड़ी निशानी थी..
ना लिखा शायद एक होना
आस अभी भी एक बाकी थी..
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