...

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तेरे बिस्तर में लगी आग !
उठ जाग नींद से मोह त्याग ।
तेरे बिस्तर में लगी आग ।।

आहट से तू अनजान रहा ।
तेरा विवेक सुनसान रहा ।
तूने क्या बाहर देखा है ।
जलती जीवन की रेखा है ।
हर भाग्य किस्त में फूट रहे ।
अंबर से तारे टूट रहे ।
बंदे ! अब खुद से नहीं भाग ।
उठ जाग नींद से मोह त्याग ।।

अब देख तिमिर के तीक्ष्ण...