मन...
मन की कथा मन की व्यथा बड़ी गहरी है....
आस लगाये बैठी ये आँखे
उदास सी शामें उजली दोपहरी है.....
ये मन का खेल बड़ा निराला है.....
कभी रात शाम सा अंधेरा छाया....
कभी चाँद सा मन जगमगाया ........
आस लगाये बैठी ये आँखे
उदास सी शामें उजली दोपहरी है.....
ये मन का खेल बड़ा निराला है.....
कभी रात शाम सा अंधेरा छाया....
कभी चाँद सा मन जगमगाया ........