...

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मै कॉल नहीं कर सकती
टूटा सा शीशा
मेरे घर में पड़ा है,
रोता हुआ बाजू में
तेरा मेहबूब खड़ा है,

ना आवाज़ निकलती है
ना देखा जाए कोई ख्वाब,
खिड़की में खड़ी हूं
तेरा इंतजार है आज,

चन्द महीनों की बात हुई थी
क्या हाल हो गया,
तेरा दिल मेरे पास छोड़ें
एक साल हो गया,

कभी मै सोचती हूं
वापस कर दू तुझे,
वो खत जो कभी
तूने थे भेजे,

सारे गाव से बतियाती हूं
तुझसे बात ना हो पाए,
ख्वाहिश है मिलने की
पर मुलाकात ना हो पाए,

सब कर सकती हूं
तुझसे सवाल नहीं कर सकती,
एक तेरा नंबर है जिसपे कभी
मै कॉल नहीं कर सकती।।
मै कॉल नहीं कर सकती।।

© drowning angel