राम...
जीवन की शुरुआत, मंगलमय काज में,
सुबह की भोर,
सांझ के दीपों ध्यान में है राम।
दुःख-सुख, आश्चर्य के भावों में राम।
संस्कारों, गीतों और उत्सवों में राम।
जीवन के अंतिम क्षणों में राम।
आज्ञाकारी, सदाचारी, सदाचरण सद्चरित्र और ब्रह्मचारी है राम।
न एक जीव, न एक वंश, न एक राष्ट्र के है,
अपितु सकल...
सुबह की भोर,
सांझ के दीपों ध्यान में है राम।
दुःख-सुख, आश्चर्य के भावों में राम।
संस्कारों, गीतों और उत्सवों में राम।
जीवन के अंतिम क्षणों में राम।
आज्ञाकारी, सदाचारी, सदाचरण सद्चरित्र और ब्रह्मचारी है राम।
न एक जीव, न एक वंश, न एक राष्ट्र के है,
अपितु सकल...