एहसास कोई छूटा है
#खालीसीट
उठ गया जब कोई छोड़कर कुर्सियां,
हमको जैसे लपेटे थी कुछ सर्दियां।
हम ठिठुर कर किनारे को लगने ही थे,
मिल गई फिर गर्म सी कुर्सियां।
एक एहसास जैसे छूवन...
उठ गया जब कोई छोड़कर कुर्सियां,
हमको जैसे लपेटे थी कुछ सर्दियां।
हम ठिठुर कर किनारे को लगने ही थे,
मिल गई फिर गर्म सी कुर्सियां।
एक एहसास जैसे छूवन...