ना आया करो
मेरे दिल से बेसाख्ता,
चले जाने को ना आया किया करो।
दो पल ठहर,
तीसरे पहर रूठने को ना आया किया करो।
शाम के पैमाने में,
अपने हिस्से ढूंढा करती हूं।
तुम रात बेवक्त को सिर्फ,
परछाई बनकर ना आया किया करो।
चले जाने को ना आया किया करो।
दो पल ठहर,
तीसरे पहर रूठने को ना आया किया करो।
शाम के पैमाने में,
अपने हिस्से ढूंढा करती हूं।
तुम रात बेवक्त को सिर्फ,
परछाई बनकर ना आया किया करो।
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