...

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बोझ जिंदगी का
मौत की तमन्ना लिए हम जीये जा रहे है
ये कैसी दरख्तों में हम फंसे जा रहे हैं
दर्द की चादरों में हरपल सिमटे जा रहे है
तन्हाइयों की सिलवटों...