अंदाज़
अवश्य भावी है
मेरे शब्दों का बाढ़
आप तब तक जाना चाहिए
फिर हो परिणाम कुछ भी
इस युद्ध का जो
गहन चिंतन के पश्चात
अंतर्मन होना चाहिए
इस सामाजिक बाजार में
सब कुछ परफेक्ट होना चाहिए
जंग लगी हो भले
स्वयं की सोच पर
डिफेक्ट दूजे में नहीं होना चाहिए
आद्यम अटल अनुपम दृढ़ निश्चय
व्यक्तित्व होना चाहिए
चक्षु ओझल ना हो मोहिनी सूरत से
इफैक्ट...
मेरे शब्दों का बाढ़
आप तब तक जाना चाहिए
फिर हो परिणाम कुछ भी
इस युद्ध का जो
गहन चिंतन के पश्चात
अंतर्मन होना चाहिए
इस सामाजिक बाजार में
सब कुछ परफेक्ट होना चाहिए
जंग लगी हो भले
स्वयं की सोच पर
डिफेक्ट दूजे में नहीं होना चाहिए
आद्यम अटल अनुपम दृढ़ निश्चय
व्यक्तित्व होना चाहिए
चक्षु ओझल ना हो मोहिनी सूरत से
इफैक्ट...