"वो"
जो अंदर ही अंदर जोरो से चिल्लाता है,
और बाहर ही बाहर खिलखिलाकर मुस्कुराता है।
कमाल की बात तो तब हो जाती है,
चेहरा भी ऐसा है कि कोई समझने को तो छोड़ो,
अनुमान भी नहीं लगा पाता है।।
वो चीजें किसी को नहीं बताता है,
वो सब कुछ खुद में ही छिपाता है,
लोगों की नजर यदि मुस्कान से हट आंखों पर जाती भी है तो,
वो आंखों की नमी को घुट से पी जाता है।
और मजाल है, जो उसकी आंखों की सच्चाई को कोई भी पढ़...