...

4 views

ख़याल
#सपनेऔरदुःस्वप्न
जाना
मेरी जाना कहां हो तुम
यहां हो भी या नहीं
नहीं मालूम मुझको कि कहां हो तुम
मगर हां ऐसा भी हो सकता है कि तुम भी
मेरी तरह अपने ही ख्यालों में टहलती हो
जहां मैं तुम को देखता हूं और कहता हूं
यहां कैसे हुआ आना बता भी दो
न जाने क्यों तुम मुस्कराती हो मुझे पाकर यहां पर
या तुम को भी यकीं हो कि मैं तुम से ही तो मिलने आया हूं
और बातों को घुमा कर पूछती हो कि
यहां कैसे
मैं धीरे से ये कहता हूं
तुम्हे ही ढूंढता हूं मैं और न जाने कैसे
इन ख्यालों में भटकता तुम तक पहुंचा हूँ
जहां पर मैं भटककर अपने हिस्से के ख्यालों से
दफतन तुम्हारे ख्यालों में चला आया
यहां देखा कि तुम भी मुझको ढूंढती हो
और मुझको देखकर बातें बनाती हो
कहीं मैं भांप न लूं
कि तुम मेरे ही लिए इन ख्यालों में भटकती हो
मुझे आवाज़ देती हो
मेरे ख्वाबों में रुकती हो
ठहर कर कुछ घड़ी इक दम
मेरा रस्ता भी तकती हो
मेरी गज़लों को पढ़ती हो
मुझी को याद करती हो
मगर जो भी मैं तुमसे कह रहा हूं
और जो कुछ भी तुम सुन रही हो
ये फक़त मेरा ख्याल ही तो है

शाबान नाज़िर
© SN