...

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पिता.... पापा
कभी अभीमान तो कभी स्वाभिमान है पिता, कभी धरती तो कभी मेरा साहस, मेरी आसमान है पिता,
इज्जत, मेरा सम्मान है पिता, मेरी ताकत, मेरी पूँजी, मेरी है पिता,
अन्धेरे में जलती ज्वाला हे कभी, कभी रोशन मंजिल का पता है पिता; जिससे हर बच्चे का हर सपना अपना होता...