...

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रूखे रिश्ते
#बिखर
निखर जाएगा समझौता कर ले,
बिखर जायेगा ना हठ कर बे;
शीशा कहा टिकता गिर कर रे,
उन टूकडो से फिर
एक नया आशीयाना बनाले रे ,
सूख सी आँखें रूखे रिश्तो पर
अब तो आँखों का पानी गीला कर ले
कब तक बरदाश करेगा सब के ताने
कभी तो अपने दिल की तान सुनले रे
सूनी है घर की दरों- दिवारे
कूछ हँसती तस्वीरे सजाये रे
आसमां को घेरे है तारे सब अजनबी
मेरे नाम भी कोई तो तारा होता रे
मै जिंदा हूँ तो बस एक उम्मीद पर
कभी तो हवा के साथ
तेरे आने की खुशबू आयेगी रे
हर रोज दूआ नमाज़ पढता हूँ मैं
कभी कभी लगता है
आसमां मुझ से बहुत दूर हैं रे
तू उदास है दूर होकर चाँद से ए " चाँदनी "
तेरी कमी हर पल खलती हैं
यकीन कर चाँद को आज भी रे ।
sangeeta (chandny)
22/4/2022





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