...

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कह क्या ये काफी है?
मैं तुझको हर घड़ी सोचा करूँ,
कह क्या ये काफी है?
मैं तुझको प्यार कुछ ज्यादा करूँ
कह क्या ये काफी है?
मैं सब सच बोल दूँ तुझको अगर
जो दिल में है साझा करूँ,
सच्चा कोई वादा करूँ।
कह क्या ये काफी है?
मैं तुझपे वार दूँ खुदको अगर
तेरे सितम खुद पे सहूँ,
ग़र फ़िर भी ग़म कुछ हो तुझे
हर ग़म को मैं रुख़सत करूँ।
कह क्या ये काफी है?
मैं अपनी चाहतें कर लूँ दफन
सब ज़िद तेरी कामिल करूँ,
लूँ अश्क सारे ये छुपा,
झूठी हँसी ज़ाहिर करूँ।
कह क्या ये काफी है?
कह क्या ये काफी है?



© AK. Sharma