किया जाता है ।
शाम के ढलते ही तेरा ख्याल कुछ यूं आता है,
जैसे दर्द से मरहम खफा हो जाता है ।
खुद्दारी है तेरी...
जैसे दर्द से मरहम खफा हो जाता है ।
खुद्दारी है तेरी...