अन्जानें अजनबी
कोई झरोखा दस्तक दे
और सदियों का दर्द मिटा दे
कोई हवा आए मस्तक पे
और आँखों का भ्रम हटा दे
एक फर्माइश करो
और कोई जान लुटा दे
आए कोई ज़िन्दगी में ऐसा
जो बिना भटकाए राह दिखा दे
क्या धोखा क्या विश्वास
ज़िन्दगी के हर मौसम जो सीखा दे
काश ख़ुदा किसी ऐसे अजनबी से मिला दे
टूट चुकी उम्मीदों...
और सदियों का दर्द मिटा दे
कोई हवा आए मस्तक पे
और आँखों का भ्रम हटा दे
एक फर्माइश करो
और कोई जान लुटा दे
आए कोई ज़िन्दगी में ऐसा
जो बिना भटकाए राह दिखा दे
क्या धोखा क्या विश्वास
ज़िन्दगी के हर मौसम जो सीखा दे
काश ख़ुदा किसी ऐसे अजनबी से मिला दे
टूट चुकी उम्मीदों...