पुकार...
आओ यार शहर मे वापिस
उड़ते है संग हवा के माफ़िक
तुम कब तक तड़पाओगे बोलो कब तक आओगे
धुआँ हो रही उम्र ये अपनी
राख...
उड़ते है संग हवा के माफ़िक
तुम कब तक तड़पाओगे बोलो कब तक आओगे
धुआँ हो रही उम्र ये अपनी
राख...