सखी
#संगसाथी
बहुत ख़ूब लिखा लिखने वाला तक़दीर
संग आई जीवन में रिश्ता कायम हो गया नया सा
शुरू में जब मिली तुम सखी
अनजान सा रहते थे
तू किसी ओर सखी ओर हम सब के साथ रह कर भी अकेले नहीं पर खुश ओर उदासी दोनों थीं जीवन में
पर समय के साथ हमारी सखी बनी और गहरी यारी हुई कब पता ही नहीं चला सखी..............
उस समय बहुत नज़दीक नहीं पर दूर भी थे
फ़िर गहरी दोस्ती मैं
हम कभी विभागों में बट के भी संग
मुसीबत में हिम्मत बने
शैतानी में एक दूसरे के चुगलखोर बने
दूसरे को ना देंगे मौका ऐसी कभी ना आने दे घड़ी
संग्रह कर रखा रिश्ता हम ने
कई तरंगे...
बहुत ख़ूब लिखा लिखने वाला तक़दीर
संग आई जीवन में रिश्ता कायम हो गया नया सा
शुरू में जब मिली तुम सखी
अनजान सा रहते थे
तू किसी ओर सखी ओर हम सब के साथ रह कर भी अकेले नहीं पर खुश ओर उदासी दोनों थीं जीवन में
पर समय के साथ हमारी सखी बनी और गहरी यारी हुई कब पता ही नहीं चला सखी..............
उस समय बहुत नज़दीक नहीं पर दूर भी थे
फ़िर गहरी दोस्ती मैं
हम कभी विभागों में बट के भी संग
मुसीबत में हिम्मत बने
शैतानी में एक दूसरे के चुगलखोर बने
दूसरे को ना देंगे मौका ऐसी कभी ना आने दे घड़ी
संग्रह कर रखा रिश्ता हम ने
कई तरंगे...